इस कहानी crime story की शुरुआत छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले से होती है, जहां 8 अगस्त को सावित्री विश्वकर्मा नाम की महिला थाने में एक शिकायत दर्ज कराती हैं। शिकायत में वह बताती हैं कि उनकी बेटी सपना विश्वकर्मा, जो एक सरकारी स्कूल में शिक्षिका है, 23 जुलाई से घर नहीं आई है और उससे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है। पुलिस तुरंत कार्रवाई में जुट जाती है और सपना के मोबाइल की लोकेशन ट्रेस करना शुरू करती है।
जांच के दौरान पुलिस को पता चलता है कि सपना आखिरी बार राम आशीष उपाध्याय नाम के व्यक्ति के संपर्क में थी, जो भिलाई नगर का रहने वाला है। पुलिस जब राम आशीष की तलाश में भिलाई पहुंचती है, तो वह वहां नहीं मिलता। मोबाइल लोकेशन ट्रेस करने पर पुलिस को पता चलता है कि राम आशीष अब बेमेतरा की ओर भाग रहा है। जब पुलिस वहां पहुंचती है, तो उसका फोन स्विच ऑफ हो जाता है।
पुलिस इसके बाद रघुनाथ साहू नाम के व्यक्ति को पकड़ती है, जो बेमेतरा के एक गांव का निवासी है। पूछताछ के दौरान रघुनाथ साहू खुलासा करता है कि राम आशीष और सपना उसके गांव में किराए के मकान में रहते थे, और उनके बीच अकसर झगड़ा होता रहता था। 1 अगस्त की रात, राम आशीष ने रघुनाथ को फोन करके कहा कि उसके घर में सांप आ गया है। जब रघुनाथ वहां पहुंचता है, तो वह देखता है कि सपना बिस्तर पर अचेत पड़ी हुई है। रघुनाथ जांच करता है और पाता है कि सपना की मृत्यु हो चुकी है। राम आशीष ने सपना का गला घोंट कर हत्या कर दी थी।
इसके बाद, राम आशीष और रघुनाथ ने सपना की डेड बॉडी को एक चादर में लपेटकर अपनी स्कॉर्पियो गाड़ी में रख लिया और केशकाल की घाटी में उसे फेंक दिया। पुलिस को बाद में सपना की मां की शिकायत पर जब यह जानकारी मिली, तब उन्होंने मामले की तहकीकात शुरू की और राम आशीष की लोकेशन का पता लगाने की कोशिश की।
9 अगस्त को पुलिस को खबर मिलती है कि शिवनाथ नदी में एक डेड बॉडी मिली है। जांच करने पर पाया गया कि यह राम आशीष की डेड बॉडी है, जो पुलिस से भागते समय नदी में कूद गया था और उसकी मौत हो गई थी। इस तरह, एक प्रेमिका की हत्या का मामला इस दुखद अंत तक पहुंचता है।
यह कहानी crime story छत्तीसगढ़ में लिव-इन रिलेशनशिप्स में हो रहे विवादों और हत्याओं पर ध्यान केंद्रित करती है, और यह सोचने पर मजबूर करती है कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए।